५/९/१५ ए बी पी चैनल पर दिखाई डाक्यूमेंट्री
करो बहस औरंगजेब नायक या खलनायक
बुला कर दो चार
लोगो को
कुछ भी बोलो
पुरे देश में जाने दो सन्देश
अपनी मर्जी का
मीडिया का व्यवसाय
किसी की नेतागीरी
किसी का शुगल
इतिहास से अनजान
जनता का मनोरंजन
परोस दिया
विदेशी आक्रमक
जिसने हमें गुलाम रखा
दो मंदिर तोड़े
या पांच
हमारे
धर्म का नाश किया
कम या ज्यादा
कम लूटा या ज्यादा
हमारी बहु बेटियो से
बलात शादी की या नही
गजनी के बाज़ारो
में
हमारी बच्चियों को
दो टके में बेचा या तीन टके में
सिखो के सर का मूल्य
अस्सी लगाया या सौ
आक्रमक
और
महान
गुलाम के साथ उदारता
न है
नायकत्व न है महानता
परन्तु
गुलाम मानसिकता
और
तुम्हारी चाटुकार्ता
ने
दो करोड़ पगड़ीधारी
सिखो के अस्तित्व को नकार दिया
अरे चमकौर की गढ़ी
का युद्ध
अजीत सिंह और जुझार सिंह
की शाहदत
चिने गए थे दीवारो में
फ़तेह सिंह और जोरावर
लाल किले के चौक पर
सीस का बलिदान
तिलक जंजु राखा
प्रभ ताका
सीस दिया
पर सिरर न दिया
हिन्द दी चादर
तेगबहादुर
आह
तुम्हारी वय्वसायिकता
ने सब कुछ नकार दिया
तुम्हारी चाटुकरिता
ने सब कुछ नकार दिया
इक़बाल सिंह
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