उन दोस्तों के लिये जो कभी कभी विपरीत टिप्पणियाँ से
अग्रेसिव हो जाते है
अरविन्द के साथियो
के समर्पण पर संदेह नही
धधक रही ज्वाला
सीने में
संदेह नहीं
फड़क रही है
भुजाए
राष्ट्र के सम्मान को
संदेह नहीं
भिंची है मुठिया
इंकलाब लाने को
संदेह नहीं
पर मित्र
दृढ़ता और उग्रता
धीरता और अधीरता
में अंतर
बनाये रखना
तुम्हारी कामयाबी
में
किंचित भी
संदेह नही
इक़बाल सिंह
अग्रेसिव हो जाते है
अरविन्द के साथियो
के समर्पण पर संदेह नही
धधक रही ज्वाला
सीने में
संदेह नहीं
फड़क रही है
भुजाए
राष्ट्र के सम्मान को
संदेह नहीं
भिंची है मुठिया
इंकलाब लाने को
संदेह नहीं
पर मित्र
दृढ़ता और उग्रता
धीरता और अधीरता
में अंतर
बनाये रखना
तुम्हारी कामयाबी
में
किंचित भी
संदेह नही
इक़बाल सिंह
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