युगो से
तुम कुछ भी
कर रहे हो
कर सकते हो
जीतने के लिए
साम दाम दंड़ भेद
कुछ पवित्र ग्रंथो की
पँक्तियों का
उद्धहरण
इक्छानुसार
प्रस्तुत कर
इतिहास के पन्नो
को
हिसाब से व्याखित
क़र
अपने आप को
जस्टीफ़ाइड
करने में
सफल हो
क्यो कि
बहुत बड़ा समूह
जो तुम्हरी
प्रजा है
केवल
पूँछ मुक्त वानर
मानव भ्रम
मे इधर उधर
कूदता दीखता है
इक़बाल सिंह
तुम कुछ भी
कर रहे हो
कर सकते हो
जीतने के लिए
साम दाम दंड़ भेद
कुछ पवित्र ग्रंथो की
पँक्तियों का
उद्धहरण
इक्छानुसार
प्रस्तुत कर
इतिहास के पन्नो
को
हिसाब से व्याखित
क़र
अपने आप को
जस्टीफ़ाइड
करने में
सफल हो
क्यो कि
बहुत बड़ा समूह
जो तुम्हरी
प्रजा है
केवल
पूँछ मुक्त वानर
मानव भ्रम
मे इधर उधर
कूदता दीखता है
इक़बाल सिंह
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