अब बंदूके छोड़ के भाई तुम घर वापिस आ जाओ
किस के खातिर लड़ते हो जरा मुझे भी तो समझाओ
जिस देश कि तुम बाते करते वो तो गिरवी रखा है
जो करता आदर्श बाते वो तो बिकता फिरता है
इनके भाषण इनकी बाते इनकी सवेंदनाये झूठी
नकली तमगा बांटे फिरते नकली बाते करते है
सच्चे योद्धा मेरे देश के गोली खा के मरते है
इक़बाल सिंह
किस के खातिर लड़ते हो जरा मुझे भी तो समझाओ
जिस देश कि तुम बाते करते वो तो गिरवी रखा है
जो करता आदर्श बाते वो तो बिकता फिरता है
इनके भाषण इनकी बाते इनकी सवेंदनाये झूठी
नकली तमगा बांटे फिरते नकली बाते करते है
सच्चे योद्धा मेरे देश के गोली खा के मरते है
इक़बाल सिंह
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