Tuesday, March 10, 2015


हमारे  कहने का मतलब तो कुछ नही
पर कहे बिना दिल मानता नही
तुम सुनते हो चाटुकार
दरबारियों की बाते
जो तुम्हे दिन में तीन बार
कपड़े बदलवाते है
जो कभी हरियाणा कभी राजिस्थान
कभी पंजाब की पगड़ी बंधवाते  है
तुम्हे दस लाख का कोट देते है
फिर लीलामी में करोडो की कीमत लगाते है
क्या वो कीमत कोट की थी
की तुमाहरी
चुनाव में बार बार क्यों कहते थे
की तुम चाय वाले हो
अब बुलेट ट्रैन
स्मार्ट सिटी
भूमि अधिग्रहण
इन्हे चाय वाले से जोड़ो
बोले इस देश में
बहुत लोग
लाजपतराय बोले
गोखले  बोले
विवेकान्द बोले
उनके पीछे देश बोला
दुनिया बोली
दांत मुंह और जीभ
का इतना दुरूपयोग
झूट बोलने को क्यों
श्यामा चरण मुखर्जी के सहादत
पर सत्ता सुख की सेज
 कश्मीरी पंडितो का
बलिदान हुआ
निस्तेज
३७० को तो छोडा
मसरत को भी छोड़ा
तुम्हे पता नही चला
कब सूरज ढला
रात हो गयी
 राजनाथ की
 मुफ़्ती से
बात हो गयी
अफजल गुरु
का मक़बरा
भी तुम्ही बनवाओगे
कांग्रेसियों ने मारा है
इस लिए
अमृत तुम्ही पिलाओगे

संसद में राजनाथ ने
कहा
हमे पता नही लगा
ब्रेकिंग न्यूज़
पर सत्य तो ये है
मसरत को मुफ़्ती ने नही
भा जा पा ने छोडा है
मुफ़्ती तो बाद
में आया
चुनाव के पूर्व
फ़रवरी में
गवर्नर से  हस्ताक्छर
भजपा सरकार
ने करवाया
यदि ये सत्य है
तो देश की यही गत है
देश की यही गत है
इक़बाल सिंह


      


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