Saturday, March 15, 2014

अब बंदूके छोड़ के भाई तुम घर वापिस आ जाओ
किस के खातिर लड़ते हो जरा मुझे भी तो समझाओ
जिस देश कि तुम बाते करते वो तो गिरवी रखा है
जो करता आदर्श बाते वो तो बिकता फिरता है
इनके भाषण इनकी बाते इनकी सवेंदनाये झूठी
नकली तमगा बांटे फिरते नकली बाते करते है
सच्चे योद्धा मेरे देश के गोली खा के मरते है
इक़बाल सिंह

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