Saturday, May 31, 2014

स्टेट टॉपर्स में शामिल लेकिन घर चलाने के लिए कर रही मजदूरी
Bhaskar news | May 31, 2014, 17:23PM IS
आज तुम प्रधान मंत्री हो
कल वो प्रधान मंत्री थे
कल तुम कुछ थे
कल वो भी कुछ थे
१९४७ से २०१४
कुछ  न कर सके वो
कुछ  न  कर सके तुम
शब्दों से छलते रहे वो
शब्दों  से छलते रहे तुम
मंत्री  जी ने अख़बार में या
टीवी में सुनी
दास्ताँ शहीद  की विधवा  की
कफ़न का पैसा
देने पहुँच लिए
कुछ न कर सके वो
कुछ न कर सके तुम
झुनझुने कंकरों के
पकड़ा दिए
विकास के
झुटे वादे
दोहरा दिए
चन्द्रमा में चलेगए
मंगल में जायेगे
पाकिस्तान डर गया
चीन भयभीत है
गंगा के लिए करोडो
का आबंटन निश्चित है
कुछ  न कर सके वो
कुछ  न  कर सके तुम
माँ की गोद में
बच्चा कुपोषित है
बुढ़ापा अनिश्चित है
देश का भविष्य
कचड़े मेंबीनता रोटी (रोजगार )
करता मजूदरी है
बेरोजगारी में दबी
झुकी करहाती जवानी
कहती भारत माँ
की कहानी
कुछ न कर सके वो
कुछ न कर सके तुम
कुछ न कर सके वो
कुछ न कर सके तुम
इक़बाल सिंह

No comments:

Post a Comment